टर्निंग पॉइंट कब आया-
प्रियंका का कहना है कि गर्भावस्था के बाद मेरा वजन काफी बढ़ गया था। एक साल के बच्चे के साथ खुद को समय नहीं दे पाई और मेरा वजन बढ़कर 90 किलो हो गया। मात्र 26 साल की उम्र में 90 किलो वजन होना मेरे लिए बहुत शॉकिंग था। मुझे तो जैसे कुछ समझ ही नहीं आ रहा था। मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे मेरी सारी एनर्जी ही खत्म हो गई है। साथ ही एक नई मां के रूप में मेरी जिम्मेदारियां भी बढ़ गई थी, तभी मैंने डिलीवरी के बाद बढ़े हुए वजन को कम करने का फैसला किया। मेरे फिट होने और वजन कम करने का यही टर्निंग पॉइंट था।
वर्कआउट और फिटनेस रिजाइम

प्रियंका बताती हैं कि मैंने वजन घटाने के लिए स्ट्रेंथ ट्रेनिंग ओर कार्डियो वर्कआउट पर सबसे ज्यादा फोकस किया। उनके अनुसार फिट होने के लिए निरंतरता जरूरी है। वहीं पोर्शन कंट्रोल भी आपके आहार को नियंत्रण में रखने में मदद कर सकता है। आप जो कुछ भी खाते हैं, समझदारी से उसका चुनाव करना भी बहुत जरूरी है।
खुद को मोटिवेट कैसे रखा-

प्रियंका कहती हैं कि वेटलॉस जर्नी का सबसे कठिन हिस्सा खुद को हर वक्त प्रेरित रखना है। हर दिन मैं उठकर सबसे पहले खुद को आईने में देखती थी। बेबी होने के बाद बढ़े हुए वजन ने जहां मुझे निराश किया, वहीं मैं मोटिवेट भी हुई। एक बार जब रिजल्ट मिलना शुरू हो जाए, तो यह आपके लिए सबसे बड़ा मोटिवेश्नल बूस्टर है।
मोटापे के कारण किन समस्याओं का सामना करना पड़ा-

प्रियंका के अनुसार, मोटापे के कारण मेरा आत्मविश्वास बहुत कम हो गया था। हालात यह थे कि मैंने खुद का ख्याल रखना ही छोड़ दिया था। मैंने परवाह करना भी छोड़ दी थी कि मैं कैसी दिखती हूं और क्या पहनती हूं। मैं इस दौरान काफी डल महसूस करने लगी थी।
वजन घटाने से क्या सीख मिली

प्रियंका के मुताबिक , वेटलॉस एक ऐसी जर्नी है, जो हमें धैर्य और निरंतरता सिखाती है। यह न केवल आपके शरीर को अच्छा महसूस कराती है , बल्कि इससे मानसिक स्वास्थ्य में भी सुधार होता है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
यदि आपके पास भी ऐसी ही वेट लॉस से जुड़ी अपनी कहानी है, तो हमें [email protected] पर भेजें।
लाइफस्टाइल में क्या बदलाव किए-

प्रियंका बताती हैं कि वजन घटाने के लिए अपनी लाइफस्टाइल में दो मुख्य बदलाव किए। पहला स्वस्थ खाना और दूसरा स्ट्रेस मैनेज करना। सबसे जरूरी बात यह कि मैंने खुद को प्राथमिकता देना शुरू कर दी थी।